The 2-Minute Rule for baglamukhi shabhar mantra





ॐ ह्रीं क्लीं क्लीं चमुण्डायै विच्चे। ज्वालामालिनी आद्यायै नमः॥

भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर जगत के हित के लिए शाबर मन्त्र समूह की रचना की, जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है ।

जीवहारं केलया, बुद्धिं विनाशाय हरिं अम स्वाहा”

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हेम-कुण्डल-भूषां च, पीत-चन्द्रार्ध-शेखराम् । पीत-भूषण-भूषाढ्यां, स्वर्ण-सिंहासने स्थिताम् ।।

पीताम्बरालंकृत-पीत-वर्णां, सप्तोदरीं शर्व-मुखामरार्चिताम् ।



भगवती बगला के अनेक ‘ ध्यान’ मिलते हैं। ‘तन्त्रों’ में विशेष कार्यों के लिए विशेष प्रकार के ‘ध्यानों’ का वर्णन हुआ है। यहाँ कुछ ध्यानों का एक संग्रह दिया जा रहा है। आशा है कि बगलोपासकों के लिए यह संग्रह विशेष उपयोगी सिद्ध होगा, वे baglamukhi shabhar mantra इसे कण्ठस्थ अर्थात् याद करके विशेष अनुभूतियों को प्राप्त करेंगे। चतुर्भुजी बगला

पीताम्बर-धरां सान्द्रां, पूर्ण-चन्द्र-निभाननाम् ।

Added benefits: Chanting the shabar Lakshmi mantra with devotion and sincerity is considered to invoke the blessings of the Goddess Lakshmi mantra and entice financial prosperity, product abundance, and Over-all prosperity. It really is also called the Shabar mantra for funds.

भ्राम्यद्-गदां कर-निपीडित-वैरि-जिह्वाम् । पीताम्बरां कनक-माल्य-वतीं नमामि ।।

अनमिल आखर अरथ न जापू। प्रगट प्रभाउ महेस प्रतापू॥

वादी मूकति, रङ्कति क्षिति-पतिर्वैश्वानरः शीतति ।

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